क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर बुजुर्ग से लुटे 76 लाख, लखनऊ से क्राइम ब्रांच ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार


जबलपुर। संजीवनी नगर निवासी 72 वर्षीय बुजुर्ग अनिल कुमार नन्हौरिया से 76 लाख रुपए की साइबर ठगी के मामले में जबलपुर क्राइम ब्रांच ने बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने उत्तरप्रदेश के लखनऊ से दो आरोपियों अजय शर्मा और वेद प्रकाश वर्मा को गिरफ्तार किया है।

जांच में सामने आया है कि आरोपी एक प्रतिशत कमीशन के लालच में अपने बैंक खाते साइबर ठगों को किराए पर देते थे। ठगी की रकम जिस खाते में जमा कराई गई, वह अजय शर्मा का था। ठगों ने खुद को IPS अधिकारी और CBI से जुड़ा अधिकारी बताकर बुजुर्ग को कॉल किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली पुलिस का नाम लेकर धमकाया और कहा कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में आरोपी के पास बुजुर्ग के नाम का ATM कार्ड मिला है। इतना ही नहीं, फर्जी अधिकारी ने दावा किया कि बुजुर्ग के नाम से जारी मोबाइल सिम का इस्तेमाल लोगों को धमकाने में हुआ है, जिसकी रिपोर्ट दिल्ली में दर्ज है।

‘सीक्रेट मिशन’ बताकर FD तुड़वाई

डर का माहौल बनाकर ठगों ने बुजुर्ग से FD तुड़वा ली और एक बैंक खाता नंबर देकर कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का खाता है। फर्जी IPS अधिकारी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा सीक्रेट मिशन बताया और कहा कि जानकारी साझा करने पर 3 साल की सजा और 5 लाख जुर्माना हो सकता है। डर के कारण पीड़ित ने किसी से कुछ साझा नहीं किया और ठगों के निर्देशों का पालन करता रहा।

हर तीन घंटे में लोकेशन भेजने का दबाव

ठगों ने बुजुर्ग को हर तीन घंटे में WhatsApp पर लोकेशन और एक्टिविटी भेजने को कहा, ताकि वह किसी से संपर्क न कर सके। 24 नवंबर 2025 को ठगों के बताए अनुसार बुजुर्ग ने ICICI बैंक के खाते में 76 लाख रुपए जमा कर दिए।

तीन दिन की रिमांड, बड़े खुलासों की उम्मीद

क्राइम ब्रांच ने दोनों आरोपियों को सोमवार को जिला कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। क्राइम ब्रांच निरीक्षक जितेंद्र पाटकर ने बताया कि पूछताछ में और भी बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। टीम उन खातों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, जहां ठगी की रकम छिपाकर रखी गई है।
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